16 साल के बच्चे ने कहा- अमेजन, फ्लिपकार्ट प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें, एनजीटी ने सीपीसीबी से रिपोर्ट मांगी

नई दिल्ली. 16 साल के बच्चे ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से अपील की कि वह ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट से प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने को कहें। एनजीटी ने मंगलवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को इस मामले में एक महीने में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।


आदित्य दुबे नाम के बच्चे ने वकील मीना दुबे और दिव्या पांडे के जरिए दाखिल याचिका में एनजीटी से कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां अपना सामान डिलीवर करने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें।


"निगरानी के अभाव में प्लास्टिक का ज्यादा इस्तेमाल"


याचिका में कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के तहत आती हैं, लेकिन जांच और नियमों पर अमल के अभाव में ये कंपनियां लगातार प्लास्टिक का बहुत ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल कर रही हैं। वे अपने उत्पादों को प्लास्टिक में ही पैक करके डिलीवर करती हैं।


"बक्सों का आकार उत्पाद से काफी बड़ा होताहै"


याचिका में कहा गया- कंपनियां कार्डबोर्ड के बक्सों में अपने उत्पादों को डिलीवर करती हैं, जो कि बक्सों आकार से वास्तव में काफी छोटे होते हैं। इन कार्ड बोर्ड के बक्सों को प्लास्टिक में पैक किया जाता है। उत्पाद बक्सों के बाहर न जाएं, ऐसा सुनिश्चित करने के लिए पैकिंग के दौरान प्लास्टिक की कई परतें लगाई जाती हैं। इसके अलावा खाली जगह को भरने के लिए भी कंपनियां 'बबल रैप' का इस्तेमाल करती हैं।


"होम डिलीवरी उपयोगी, लेकिन इससे पर्यावरण संबंधी चिंताएं बढ़ीं"


याचिका में कोर्ट को बताया गया कि हालांकि ई-कॉमर्स कंपनियों की होम-डिलीवरी सेवा ग्राहकों के लिए बहुत उपयोगी है, लेकिन उन्होंने प्लास्टिक का ज्यादा इस्तेमाल करके गंभीर पर्यावरण संबंधी चिंताओं में इजाफा किया है। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एनजीटी की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी, 2020 को करने का आदेश दिया है।